Why Direct Selling 2022 Job Vs Direct Selling डायरेक्ट सेल्लिंग ही क्यूँ ?

Why Direct Selling 2022 Job Vs Direct Selling. Traditional Market में और Direct Selling में जमीन आसमान का फर्क होता है। Traditional Market में क्या होता है, सबसे पहले हम इसके बारे में ही बात करते हैं।

ट्रेडिशनल मार्केट का मतलब, हम यहां पर नौकरी और नौकरी करने वाले लोगों की बात कर रहे हैं। हम नौकरी करने वाले व्यक्ति के वर्क और उस वर्क के बदले में उसे मिलने वाली इनकम, इन दो चीजों को यहां पर हम एनालाइज कर रहे हैं।

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Traditional Market or Job Vs Direct Selling

महत्वपूर्ण बिन्दू

Job or Traditional Market in Hindi

Traditional Market में नॉर्मल एक व्यक्ति 20 से 25 साल की उम्र में काम करना शुरू करता है और लगभग 60 से 65 साल की उम्र तक काम करता है। यानी कि अपने जीवन के लगभग 40 साल एक आम इंसान Traditional Market में वर्क करता है और पैसे कमाता है।

इस 40 साल के टाइम पीरियड में एक आम इंसान की लाइफ किस तरह से निकलती है और उसका करियर किस तरह से जाता है उसे हम चार्ट के माध्यम से समझने वाले हैं। 40 साल को 10 साल के 4 भागों में डिवाइड किया है जैसा कि आप देख पा रहे हैं।

एक तरफ लिखा है काम और दूसरी तरफ लिखा है दाम यानी इनकम या आमदनी। अब पहले 10 साल में क्या होता है, पहले 10 साल में Traditional Market में आदमी लगातार काम करता रहता है, लगातार काम करता रहता है, लगातार काम करता रहता है, लगातार काम करता रहता है और उसके बदले में उसे लगातार पैसा मिलता रहता है, लगातार पैसा मिलता रहता है, लगातार पैसा मिलता रहता है, लगातार पैसा मिलता रहता है।

Why Direct Selling 2022 Job Vs Direct Selling

जब 10 साल पूरे हो जाते हैं तो 10 साल के बाद क्या होता है। क्या कुछ परिवर्तन आता है ? देखो थोड़ा समझने की बात है। 10 साल में हर जॉब करने वाले का एक्सपीरियंस थोड़ा बढ़ चुका होता है इसीलिए 10 साल होते होते आदमी को अपने जॉब में 1 , 2 प्रमोशन तो मिल ही जाते हैं और सैलरी भी कुछ बढ़ चुके होते हैं।

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लेकिन सवाल फिर भी वही है, क्या कुछ परिवर्तन आता है ? इस दौरान महंगाई भी बढ़ चुकी होती है। ज्यादातर लोग तो इस दौरान शादी भी कर चुके होते हैं। तब क्या उसे खुश होना चाहिए या दुखी होना चाहिए।

अब इंसान अपने कैरियर की थर्ड स्टेज में आ गया यानी कि 20 से 30 साल के स्टेज में आ गया। इस बार फिर से वही है, क्या अब कुछ परिवर्तन आता है ? सैलरी भी पहले से बहुत ज्यादा हो चुकी होती है बढ़ चुकी होती है।रोजमर्रा की जरूरत बढ़ चुकी होती हैं और फैमिली का साइज भी बढ़ चुका होता है।

आपने कभी नीचे की तरफ जाते हुए एस्केलेटर से ऊपर की तरफ चढ़ने की कोशिश करते हुए किसी भोले भाले इंसान को देखा है। हिंदुस्तान में कई जगह पर यह नजारे देखने को मोल जाते हैं।

आम इंसान को लगता तो है कि वह ऊपर चढ़ा है लेकिन असल में वह वही पर होता है जहां से उसने चढ़ना शुरू किया था। ठीक ऐसी ही कंडीशन हर उस इंसान के साथ होती है जो Traditional Market में अपने जीवन के 20 साल निकाल देने के बाद जब पलट के देखता है तो खुद को वहीं पर खड़ा महसूस करता है। जहां से उसने 20 साल पहले अपने कैरियर को शुरू किया था ।

उसके लिविंग स्टैंडर्ड में कोई बहुत बड़ा चमत्कारिक परिवर्तन नहीं आया होता है। 20 साल जॉब करने के बाद भी वह आदमी यह नहीं कह सकता कि अब मैं अमीर लोगों के कैटेगरी में खड़ा हो गया हूं।

40 साल का टाइम टेबल परिवर्तन में यहां भी कुछ खास नहीं होता। इस स्टेज तक आते-आते ज्यादातर लोग शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से थक चुके होते हैं। कार्य क्षमता घट चुकी होती है। लेकिन, क्योंकि 30 साल का एक्सपीरियंस है आदमी के पास और हर ऑर्गेनाइजेशन कोई स्मूथली चलने के लिए एक्सपीरियंस लोगों की जरूरत तो होती है।

इसलिए आर्गेनाईजेशन अभी भी उसको काम से निकालती नहीं है बल्कि किसी ऐसी पोस्ट पर बैठा देती है जहां पर उसे ज्यादा वर्क ना करना पड़े लेकिन उसका बेनिफिट कंपनी को मिलता रहे।

काम तो पहले से कम हो जाता है लेकिन मेंटल वर्कलोड पहले से ज्यादा बढ़ा दिया जाता है और सैलरी भी पिछले 30 साल में बढ़ते बढ़ते इतनी बढ़ चुकी होती है कि आदमी भी इस मेंटल वर्क लोड को लेने के लिए एग्री हो ही जाता है।

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बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं जो फोर्थ स्टेज शुरू होते ही अपनी मर्जी से रिटायरमेंट ले लेते हैं। ज्यादातर लोगों के तो फैमिली एक्सपेंसिव और दिन की जरूरते इतनी ज्यादा बढ़ चुकी होती हैं कि उन्हें ना चाहते हुए भी यह मेंटल वर्कलोड अपने ऊपर लेना ही पड़ता है।

जैसा की आप देख पा रहे हैं कि ट्रेडिशनल मार्केट में करियर की हर स्टेज में व्यक्ति को काम करना ही पड़ रहा है। जब रिटायरमेंट की बात आती है तो, रिटायरमेंट का सीधा सा मतलब यह होता है कि जिस कंपनी को आपने पूरी जिंदगी दे दी और अब उस कंपनी को आपकी जरूरत नहीं रही।

गन्ना देखा है, जूस बेचने वाले व्यक्ति जो गन्ने के साथ करता है, Traditional Market में कोई कंपनी भी आपके साथ ठीक वही करती है। जूस बेचने वाला व्यक्ति गन्ने को तब तक बार-बार मशीन में डालता रहता है जब तक कि वह उस गन्ने में से रस की एक-एक बूंद न निचोड़ दें।

ठीक वैसा ही Traditional Market में भी कंपनी आपके साथ करती हैं। वह आपको तभी तक भुगतान करती हैं या नौकरी पर रखती हैं जब तक आप उनके काम के हैं। गन्ने के अंदर से जब 1 , 1 रस की बूंद निचोड़ ली जाती है तब उसे उठाकर डस्टबिन में फेंक दिया जाता है और उसकी जगह पर दूसरा गन्ना उठा लिया जाता है।

अब आदमी को तो डस्टबिन में फेंक नहीं सकते इसीलिए उसे रिटायरमेंट दे देते हैं। मतलब इसका भी वही है और इस आदमी की जगह किसी और आदमी को उठा लिया जाता है। Traditional Market की सबसे बड़ी समस्या ही यही है आदमी काम करना बंद कर देता है तो उस दिन से उसे पैसा मिलना भी बंद हो जाता है और अपनी आगे की जिंदगी के लिए यह आदमी बहुत ही लिमिटेड और अपनी next-generation पर डिपेंडेंट हो जाता है। यह Traditional Market का पूरा सच है।

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Direct Selling in Hindi

अब हम देखते हैं कि Direct Selling में क्या होता है और वह Traditional Market से किस तरह से अलग होता है। Traditional Market में हम 40 साल काम करते हैं और Direct Selling में सिर्फ 4 साल।

Direct Selling में इंसान सिर्फ 4 साल में उतना पैसा आसानी से कमा सकता है जितना पैसा ट्रेडिशनल मार्केट में आदमी को 40 साल लग जाते हैं कमाने में। यानी कि सबसे बड़ा और सबसे पहला फायदा जो Direct Selling इंडस्ट्री का निकल कर आता है वह यह है कि Direct Selling इंडस्ट्री 35 से 36 साल बचा देती है।

Why Direct Selling 2022 Job Vs Direct Selling

दुसरे आदमी के मुकाबले आपको कम से कम 35 से 36 साल ज्यादा मिलते हैं। अपनी जिंदगी को अपने तरीके से पूरी आजादी से जीने के लिए। Direct Selling में आदमी का करियर किस तरह से डेवेलप होता है, 4 साल के टाइम पीरियड में आइए इसे समझते हैं।

चार्ट के माध्यम से एक तरफ दिख रहा है काम और दूसरी तरफ दिख रहा है दाम यानी इनकम। इस चार्ट को मैंने एक एक साल के चार भागों में विभाजित कर दिया है ताकि आप आसानी से इसे समझ सके।

Direct Selling बिजनेस में सक्सेस होने के लिए आपको जितनी भी टेक्निकल और नॉन टेक्निकल जिझों को सीखने की जरूरत होती है वह आप इसे पहले साल में सीखते हैं और ज्यादा मेहनत करनी होती है, ज्यादा एफर्ट लगाना होता है।

लेकिन ज्यादातर नेटवर्कर की इनकम ट्रेडिशनल वर्क के मुकाबले कम होती है। इसलिए बहुत सारे लोग इस बिजनेस को छोड़ कर चले जाते हैं। यानी पहले दो-तीन महीनों में ही जब उन्हें लगता है कि यार यहां मेहनत तो बहुत ज्यादा करनी पड़ रही है लेकिन इनकम कुछ नहीं आ रही है और जो भी दो-चार चेक बन रहे हैं वह भी फील्ड वर्क में ही खर्च हो जा रहे हैं।

तो वह इस बिजनेस को क्विट कर देते हैं। यह वह लोग होते हैं जिनको Direct Selling की ताकत का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं होता है और जिंदगी भर यही कहते फिरते हैं कि मैंने भी ज्वाइन किया था।

जिसने भी पहले साल इस बिजनेस को पूरी ईमानदारी और मेहनत से कर लिया तो, दोस्तों दूसरे साल में इस बिजनेस में आपका जीवन बदलना शुरू हो जाता है। चेक कैसे बड़ी होती चली जाती है पता भी नही चलता और यही नेटवर्क मार्केटिंग की असली ताकत है। काम कम करनी पड़ती है और इनकम ज्यादा होता है।

जो भी लोग इस बिजनेस में 3 साल पूरे कर लेते हैं और चौथे साल में प्रवेश कर जाते हैं उनके लिए यह बिजनेस बहुत फायदेमंद होता है। तो माय डियर फ्रेंड्स याहां तक आते-आते आपके हर एक चेक का साइज इतना बड़ा हो चुका होता है कि जिसे देखकर ज्यादातर लोगों की आंखें फटी की फटी रह जाती हैं।

आप काम भी नहीं कर रहे हो लेकिन, आपको जो है इनकम आ रही होती है। उस इनकम के आगे आपकी मेहनत बिल्कुल ना के बराबर लग रही होती है। पांच साल में आपको सिर्फ अपनी टीम की ज्यादा से ज्यादा मीटिंग लेने की जरूरत रहती है, जितनी ज्यादा आप अपनी टीम को इकट्ठा करके रखेंगे, जितनी ज्यादा आप अपनी टीम को मैनेज करके रखेंगे, जितनी ज्यादा से ज्यादा आप अपनी टीम को ट्रेनिंग देंगे, यह काम आपके लिए बिलकुल न के बराबर हो जाता है।

पहले दूसरे साल में आप ज्यादातर टाइम नेगेटिव लोगों के बीच में होते हैं लेकिन चौथा साल आते-आते आप के आस पास इतनी टीम क्रिएट हो चुकी होती है कि आप पॉजिटिव लोगों के बीच में रहते हैं तो आपको ज्यादा प्रॉब्लम नहीं होती है।

इनकम चौथे साल में लाखों में क्रॉस कर जाती है। Direct Selling में चमत्कार होता है। जो की Traditional Market में हो ही नहीं सकता। जो भी डेडीकेशन के साथ 4 साल काम कर लेता है तो उसको 4 साल के बाद फिर काम करना ही नहीं पड़ता।

उसकी टीम में इतने लीडर्स खड़े हो चुके होते हैं, इतने अचीवर्स खड़े हो चुके होते हैं कि उस व्यक्ति को चौथे साल के बाद सिर्फ एक ही काम रह जाता है। फंक्शन और मेगा सेमिनार में चीफ गेस्ट बनकर जाओ हाथ हिलाओ थोड़ा सा लोगों को 10 , 15 मिनट मोटिवेट करके आ जाओ।

फूल मालाओं से, ढोल नगाड़ों से, तालियों की गड़गड़ाहट से आपका स्वागत होता है। महाराजाओं का सम्मान आपको मिलना शुरू हो जाता है, पांचवें साल से और आपकी इनकम लगातार मल्टीप्लाई होती चली जाती है। बेतहाशा बढ़ती चली जाती है। आपको पता भी नही होता की आपकी टीम कहां-कहां किस किस सिटी में ग्रो होता चला जा रहा है।

Direct Selling में आप खुद को डेवलप कर रहे होते हैं और ग्रो कर रहे होते हैं। यह खुद आपको अपनी लाइफ में डिसाइड करना है कि आपको को धीरे-धीरे मारना है या खुद को धीरे धीरे अमर करना है।

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बहुत बहुत धन्यवाद ।

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Angesh Kumar Gond | Blogger | YouTuber, Hello Guys, मेरा नाम अंगेश कुमार गोंड हैं । मैं एक ब्लॉगर और youtuber हूं । मेरा दो YouTube चैनल है । एक Angesh Kumar Gond जिस पर एक लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं और दूसरा AG Digital World यह मेरा एक नया चैनल है जिस पर मैं लोगों को ब्लॉगिंग और यूट्यूब के बारे में सिखाता हूं, कि कैसे कोई व्यक्ति जीरो से शुरुआत करके एक अच्छा खासा यूट्यूब चैनल और वेबसाइट बना सकता है । Thanks.

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