बहुत सारे लीडर ऐसे भी हैं जिनके डाउन लाइन और लीडर बात नहीं मानते हैं या फिर बहुत सारे लोग यह भी कहते हैं कि मैं सबसे ज्यादा काम करता हूं जितना ज्यादा मैं काम कर देता हूं उतना ज्यादा मेरी टीम काम नहीं करती है ।
क्या आप उनकी बात मानते हैं जो आपका रिस्पेक्ट नहीं करते हैं? या फिर आप उनकी बात मानते हैं जो आपको रिस्पेक्ट करते हैं? तो डेफिनेटली आप उन्हीं व्यक्ति के बात को मानते हैं जो आपको रिस्पेक्ट देते हैं आपका रिस्पेक्ट करते हैं।
इसलिए आप सबसे पहले तो अपनी टीम के लोगों को रिस्पेक्ट दीजिए। क्योंकि जब आप किसी को रिस्पेक्ट करेंगे तो वह सामने वाला व्यक्ति आपसे बात करना भी चाहेगा और आपकी बात मानना भी चाहेगा।
बहुत सारे ऐसे भी लोग हैं जो अपने टीम के लीडर को रिस्पेक्ट ही नहीं करते हैं या फिर अपनी टीम की रिस्पेक्ट नहीं करते हैं। जब वो रिस्पेक्ट ही नहीं करेंगे तो वह उनके बात को कैसे सुनेंगे?
अगर बिना रिस्पेक्ट किए अगर आप एजुकेट कर रहे हैं तो वह आपकी बात सुनेगा ही नहीं। इसलिए दूसरे स्टेट पर आता है एजुकेट करना पहले आपको उसका रिस्पेक्ट करना है और उसके बाद एजुकेट करना है।
बहुत सारे लोग डायरेक्टली सबसे पहले एजुकेट करने लगते हैं। लेकिन मैं आप सभी को यह बताना चाहूंगा कि आप डायरेक्टली किसी को एजुकेट मत कीजिए।
सबसे पहले आप उसका रिस्पेक्ट कीजिए उसके बाद उसको एजुकेट कीजिए जो भी आपको ट्रेनिंग देनी है, जो भी इंफॉर्मेशन देनी है उसको अब आप दूसरे स्टेट में दीजिए पहले इस टेप में आप उसका रिस्पेक्ट कीजिए।
3 Appreciate इस तीसरी स्टेप में आप उसको अप्रिशिएट कीजिए। क्योंकि दूसरे स्टेप में आप उसको एजुकेट कर देते हैं उसके बाद वह काम करना शुरू कर देता है।
वह अपना पूरा एफर्ट लगाएगा और जब वह अपना पूरा एफर्ट लगाएगा तो रिजल्ट आ भी सकते हैं और नहीं भी आ सकते हैं। लेकिन उस एफर्ट को आपको अप्रिशिएट करना होगा आपको एजुकेट करने के बाद वह काम को शुरू कर देता है।