आज के इस लेख में मैं आप सभी को एक ऐसा तरीका बताऊंगा जिससे आप भी अपने आप को यह अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या मैं सफल हो पाऊंगा या नहीं इसी के बारे में आज के इस लेख में आप सभी को एक बहुत बड़ी थ्योरी बताऊंगा।
एक गांव में एक सरकारी स्कूल था और उस स्कूल में एक टीचर थे जो अपने क्लास के सारे बच्चों को टॉफी बांट दिए, उनके क्लास में पूरे 30 बच्चे थे उन बच्चों से टॉफी देने के बाद वह टीचर यह बोले कि आप लोगों को मैं 10 मिनट का ब्रेक देता हूँ।
10 मिनट के अंदर किसी को भी यह टॉफी नहीं खाना है 10 मिनट के लिए मैं क्लास से बाहर जा रहा हूं। और 10 मिनट बाद जब मैं क्लास में वापस आऊंगा तब मैं आप सभी को बोलूंगा टॉफी खाने के लिए तो आप लोगों को ट्रैफिक खाना है।
तो वो टीचर क्लास से बाहर चले गए उसके बाद उस 30 बच्चे में से 25 बच्चे ऐसे थे जिनको टॉफी देख कर रहा नहीं गया वह तो फिर तुरंत ही खाना शुरू कर दिए। और 5 बच्चे अपना ट्रॉफी रखे हुए थे और अपने टीचर का इंतजार कर रहे थे।
टीचर उस टॉफी को देखने के बाद उन बच्चों से यह बोले कि आप लोग इस तरीके से टॉफी को खाएंगे तो आप लोगों को बहुत मजा आएगा खाने में और आप लोग इस तरीके से टॉफी को खाइए।
उन 5 बच्चों का नाम अलग लिस्ट में लिख लिए वह बच्चे तो वहां से पढ़कर निकल गए और वह टीचर वहीं पर पढ़ाता रहा पढ़ाता रहा लगभग 10- 12 साल बाद वो टीचर एक रिसर्च कर रहे थे तब वह टीचर यह सोचे कि चलिए अब उस टॉफी वाली थ्योरी का परिणाम निकालता हूं।
टीचर अपने क्लास के जितने भी बच्चों के नाम अपने लिस्ट में लिखे थे बच्चों का नाम उनका फोन नंबर उनका पूरा डिटेल निकाल कर उन लोगों के पास फोन करके यह पता करना शुरू किया कि वह 30 बच्चे अभी अपनी जिंदगी में किस- किस मुकाम पर हैं ?
तो जब उन लोगों के पास फोन किए तो जो 25 बच्चे थे जो टॉफी खाने का इंतजार नहीं कर पाए थे वह सब बच्चे अपनी जिंदगी कहीं ना कहीं इधर-उधर भटक रहे थे। कोई कहीं जॉब ढूंढ रहा था ,कोई कहीं कोई और काम ढूंढ रहा था ,कोई अपने काम को छोड़कर दूसरा काम ढूंढ रहा था, कोई बिजनेस कर रहा था।
यानी कि उन 25 बच्चों में ज्यादातर बच्चे स्ट्रगल कर रहे थे। लेकिन वह जो 5 बच्चे थे जो बिना अपने टीचर के आज्ञा के टॉफी नहीं खाए थे टीचर के आने तक इंतजार किए थे वह 5 बच्चे सक्सेसफुल हो गए थे।