अब यहां पर बात आती है कि फॉलो-अप की प्रोसेस कहां से कहां तक होती है ? तो मैं आप सभी को यह बता दूँ कि फॉलो-अप का प्रोसेस तब होता है कि जब आप किसी को इनवाइट करते हैं,
वहां से लेकर जब तक उसकी क्लोजिंग नहीं हो जाती तब तक आपको उसको फॉलो-अप करते रहना पड़ेगा। तो पहला फॉलो-अप तभी होता है जब आप वेबीनार को खत्म होने के बाद उनसे बात करते हैं।
यानी कि वेबीनार के खत्म होने के बाद आपका फॉलो-अप शुरू हो जाता है। पहला फॉलोअप यह होता है कि आपको सामने वाला से यह पूछना होता है कि उसको प्रजेंटेशन कैसा लगा ?
और आप गलती क्या करते हैं कि उस व्यक्ति से डायरेक्टली जाकर पूछ लेते हैं कि आपको यह कैसा लगा ? तो यह काम आपको अपने बिजनेस के अंदर बिल्कुल भी नहीं करना है, यह सबसे बड़ी गलती होती है।
इस क्वेश्चन के अंदर पावर होता है लेकिन कौन सा क्वेश्चन पूछना है यह भी बहुत जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति आपके प्रजेंटेशन देखता है और आप डायरेक्टली उसी टाइम पूछते हैं कि आपको कैसा लगा ?
तो व्यक्ति आपको 3 जवाब दे सकता है । 1. बहुत अच्छा लगा। 2. अच्छा था। 3. अच्छा नहीं था। लेकिन आपको उससे यह पूछना है कि आपको इसमें सबसे अच्छा क्या लगा ?
तो जब आप ऐसे पूछेंगे तो वह सामने वाला व्यक्ति वही बताएगा जो उसको सबसे अच्छा लगा है। उसको क्या अच्छा नहीं लगा उसके तरफ आप उसका दिमाग लेकर नहीं जा रहे हैं।
उसके दिमाग को सीधा डायरेक्शन यह दे रहे हैं कि उसको सबसे अच्छा क्या लगा। अगर आप किसी व्यक्ति को अपना प्लान , प्रोडक्ट ,प्रोफाइल सब कुछ अच्छे से समझा दिए होते हैं,
उसके बाद आप यह पूछे कि आपको इसमें सबसे ज्यादा अच्छा क्या लगा ? आपको सबसे अच्छा इसका प्लान लगा है या इसका प्रोडक्ट लगा है।
आपको यह नहीं पूछना है कि आपको अच्छा लगा है या नही लगा है आपको सिर्फ यह पूछना है कि आपको प्रोडक्ट अच्छा लगा या प्लान अच्छा लगा। अगर आप ऐसे पूछते हैं तो बहुत ही अच्छे रिजल्ट आएंगे।
स्कूल नहीं जाना चाहता है तो उसको बार-बार फोर्स करना पड़ता है कि स्कूल जाओ पढ़ाई करो पढ़ाई ही सबसे ज्यादा जरूरी है। उस बच्चे को बार बार फोर्स करना पड़ता है पढ़ाई करने के लिए।
सेम इसी तरीके को आप उससे पेमेंट करते समय भी पूछ सकते हैं कि आप इसका पेमेंट क्रेडिट कार्ड से करेंगे या डेबिट कार्ड से करेंगे या कैसे देंगे यानी कि आपको उसको ऑप्शन देना है।