आज के इस लेख में मैं आप सभी को बताऊंगा कि जब कोई आपसे यह बोले कि आपके कंपनी के प्रोडक्ट बहुत महंगे हैं। तो इस लेख में मैं आप सभी को यही बताऊंगा कि इस ऑब्जेक्शन को आपको कैसे हैंडल करना है।
अब यह समझते हैं कि जब कोई व्यक्ति आपसे यह बोले कि आपके कंपनी का प्रोडक्ट बहुत महंगे हैं तो इस ऑब्जेक्शन को आप कैसे हैंडल करेंगे ?
तो आप उस व्यक्ति से यह बोलिए कि हमारे कंपनी का प्रोडक्ट आपके देखने के हिसाब से किस कंपनी के प्रोडक्ट से महंगे हैं। जब आप यह सवाल करेंगे तो वह जरूर किसी ना किसी कंपनी का नाम लेंगे।
तब आप यह पूछिए की उस कंपनी के प्रोडक्ट के जो कंपोजीशन है जो क्वालिटी है उसके बारे में क्या आप स्टडी किए हैं ? तो वह बोलेंगे नहीं तब आप उनको यह समझाइए कि उनके कंपोजीशन में उनके क्वालिटी में और मेरे कंपनी के प्रोडक्ट में अंतर कैसे हैं ?
और उनको आप यह भी समझाइए कि ट्रेडीशनल मार्केटिंग और डायरेक्ट सेलिंग के बीच अंतर क्या है ? अब आप यह समझाइए कि जो ट्रेडीशनल मार्केटिंग प्रोडक्ट होता है वह कई हाथों से होकर आता है।
और जो डायरेक्ट सेलिंग का प्रोडक्ट है वह सीधे मैन्युफैक्चरर्स से कंजूमर तक आ जाता है। लेकिन इसका जो कास्ट है वह ट्रेडिशनल मार्केटिंग के मुकाबले सस्ता है।
अब आप उनसे यह सवाल कीजिए कि जो व्यक्ति महीने का 50 से ₹60000 कमा रहा है उस व्यक्ति के लिए बाइक सस्ती है या फिर महंगी है ?
तो वह व्यक्ति बोलेगा कि उसके लिए तो बाइक सस्ती है। अब आप यह पूछिए कि लेकिन उसी व्यक्ति के लिए एक कार लेना सस्ती है या महंगी है ?
तो वह व्यक्ति बोलेगा कि उस व्यक्ति के लिए कर महंगी है। उसके बाद आप उस व्यक्ति से यह पूछिए कि जो व्यक्ति महीने का 2 से ₹300000 कमाता है उसके लिए कार सस्ती है या महंगी है ?
तो वह व्यक्ति बोलेगा कि उसके लिए कार सस्ती है। तब आप उस व्यक्ति को यह समझाइए कि इस दुनिया में किसी के लिए बाइक भी महंगी है और किसी के लिए कार सस्ती है।