आज के इस लेख में मैं आप सभी को एक बहुत ही बड़ा लर्निंग दूंगा। तो लर्निंग पर जाने से पहले मैं आप सभी को एक कहानी के माध्यम से उस बात को समझाना चाहूंगा।
यह कहानी यह है कि एक बार की बात है की एक गधा और एक चिता में बहस हो गई और बहस इस बात पर हुई कि वह चिता यह बता रहा था कि आसमान का रंग नीला होता है।
और गधा इस बात पर अड़ा हुआ था कि आसमान का रंग तो काला होता है। और इसी बात पर उन दोनों के बीच बहस छिड़ गई और यह बहस इतनी छिड़ गई की वहां पर धीरे-धीरे बहुत सारे जानवर इकट्ठा हो गए।
और वह सारे जानवर यह तय किया कि अब इस बात का फैसला तो जंगल का राजा शेर ही करेगा कि आसमान का रंग नीला होता है या काला होता है ? यह सारे जानवर एक साथ शेर के पास पहुंच गए और यह गधा और चिता भी पहुंचे,
और यह इंतजार करने लगे कि अब यह फैसला हो जाएगा कि कौन सही है और कौन गलत है। तो शेर जैसी आए तो पूछे की बात क्या है आप सारे लोग एक साथ यहां पर इकट्ठा क्यों हुए हैं ?
तो चीते ने बोला कि मैं इस गधा को यह समझाना चाह रहा हूं कि आसमान का रंग नीला होता है। और यह गधा कहता है कि आसमान का रंग काला होता है।
अब आप ही बताइए यह गधा सही है कि मैं सही हूं ? और जो आपको गलत लगे उसको आप सजा दीजिए। चीते को तो यह बात पता थी कि सजा गधा को ही मिलेगी क्योंकि आसमान का रंग काला नहीं होता है बल्कि नीला होता है।
तब चीता परेशान हो गया और उसको यह समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे ये क्या हो रहा है ? मैं तो सच बता रहा था कि आसमान का रंग नीला होता है काला नहीं होता है लेकिन आप मुझे क्यों सजा दे रहे हैं ?
बल्कि आपको सजा सिर्फ इस चीज के लिए दी जा रही है कि आपने गधे से बहस क्यों कर लिया। तो यहां पर मैं आप सभी को सिर्फ यही समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि बहुत सारे लोग नेटवर्क मार्केटिंग के अंदर भी यही गलती करते हैं ।
बहुत सारे लोग उसी गधे की तरह होते हैं जो मानने के लिए तैयार ही नहीं होते हैं। तो ऐसे लोगों से आप बहस करके अपना एनर्जी ,अपना टाइम और अपना मूड खराब कर लेते हैं ।
तो अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग के अंदर कामयाब होना चाहते हैं तो आप इस गलती को भूल कर भी मत कीजिएगा यानी कि आप कभी भी किसी से बहस मत कीजिएगा।