क्या आप अपने जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण डिसीजन को पीछे छोड़ देते हैं ? क्या आपको अपनी डिसीजन लेने के लिए किसी दूसरे का मदद लेना पड़ता है ?
क्या आप अपने जिंदगी के फैसला खुद नहीं ले पाते हैं कोई दूसरा आपका फैसला लेता है ? किस प्रकार के डिसीजन मेकर हैं ? आप क्या डिसीजन लेने के बाद हमेशा डाउट में रहते हैं कि आप जो डिसीजन दिए हैं वह सही है या नहीं ?
यह सच है कि इस दुनिया में जितनी भी लोग हैं वह सारे लोग अपनी जिंदगी में हमेशा सही फैसला लिए हो यह बहुत ही मुश्किल काम है।
लेकिन आज के इस लेख में मैं आप सभी को 3 ऐसे पॉइंट बताऊंगा जिससे आप सभी को यह समझना आसान हो जाएगा कि आप अपने जिंदगी का फैसला सही ले पा रहे हैं।
1 भावनाओं के आधार पर कभी भी कोई निर्णय न लें आप अपनी जिंदगी के कोई भी फैसला जब भी लें तो इमोशंस होकर ना लें, जब आप कोई फैसला लेते हैं तो वहां पर दो चीजें होती है,
पहला आप कैसा फील करते हैं , दूसरा आपके डिसीजन का फ्यूचर कौन से क्या होगा इसका लॉन्ग टर्म इफेक्ट क्या होगा ? आप जब भी डिसीजन लीजिए तो अपने फिलिंग को दूर रखिए और अपने दिमाग से डिसीजन लीजिए।
आप यह देख सकते हैं कि आप अपनी जिंदगी में जितनी भी डिसीजन लिए हैं, उसमें से जो भी डिसीजन गलत है वह डिसीजन आप किसी ना किसी फीलिंग में आकर किसी ना किसी इमोशंस में लिए होंगे।
अगर आप अपना डिसीजन दिमाग से लेंगे सोच समझ कर लेंगे तो आपका डिसीजन कभी भी गलत नहीं होगा। मैं सही भाषा में आप सभी को यह समझाना चाह रहा हूं कि आप जब भी कोई डिसीजन दीजिए तो भावनाओं में मत बह जाइए, आप अपने दिमाग का इस्तेमाल कीजिए और सही डिसीजन लीजिए।
2 जल्दबाजी में कभी भी कोई निर्णय न लें आपको जब भी कोई डिसीजन लेना हो तो आप उस डिसीजन को लेने के लिए जल्दी बाजी मत कीजिए।
अगर पॉसिबल हो तो आप उस डिसीजन को लेने के लिए 1 से 2 दिन का समय जरूर लीजिए। जब आपके सामने कोई सिचुएशन होती है तो उस समय आपका दिमाग आपको बेस्ट सलूशन नहीं देता है,
लेकिन अगर आप 1 से 2 दिन का समय लेते हैं तो आपका दिमाग पूरी तरह से शांत हो जाता है और उस समय आप सही डिसीजन ले पाते हैं आपके सामने बहुत अच्छे अच्छे सलूशन होते हैं।