Harsh Billa and Deepak Billa Safe Shop Success Stories of Indian Entrepreneurs in Hindi
महत्वपूर्ण बिन्दू
क्या आपकी जिंदगी में कोई कीमती चीज खोई है, कोई फाइल, कोई चाबी, या कोई जेवर कितनी बेचैनी होती है, अगर कोई कीमती चीज खो जाए और प्रयास करने पर भी ना मिले . ( Success Stories of Indian Entrepreneurs ) जीवन में कभी ना कभी आपके साथ भी ऐसा जरूर हुआ होगा, और उस समय आप बहुत बेचैन हो गए होंगे. या शायद तडपे भी होंगे . उस तड़प का आप अच्छे से एहसास कर सकते हैं . जब खुशियों भरी जिंदगी से हंसी खो गई हो , जब अरमानों भरे जीवन से सपने में गुम हो गए हो.
जिंदगी की उसी मोड़ से हम दोनों भाइयों को जीवन में सुख और दुख में फर्क पता चला . हमने बचपन से परिवार में वह सारी सुख सुविधाएं देखी थी जिसकी कोई भी व्यक्ति कल्पना कर सकता है. स्कूल में पढ़ते थे तब भी अपनी पर्सनल कार होती थी . किसी भी काम में पैसा कभी रुकावट नहीं बना था क्योंकि पापा का बिजनेस बहुत अच्छा था घर पर पैसे की कोई कमी नहीं थी .
घर किस तरफ से सिर्फ एक ही बंदिश थी कि अपनी पढ़ाई अच्छे से कर लो, और हमने भी कभी शिकायत का मौका नहीं दिया . जीवन के बारे में सोच कुछ ऐसी थी कि स्कूल खत्म होगा, फिर कॉलेज, कालेज खत्म होगा तो फिर अपना बिजनेस करेंगे .
Harsh Billa and Deepak Billa Strugle in Student Life
लेकिन जैसा सोचा था वैसा कुछ नहीं हुआ. हम दोनों भाई पढ़ रहे थे मैं दीपक बिल्ला, 12वीं कक्षा में और बड़े भाई हर्ष बिल्ला कॉलेज में , अचानक एक दिन पापा को हार्ट अटैक आ गया . ( Success Stories of Indian Entrepreneurs ) उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया उनकी तबीयत खराब होती जा रही थी . कुछ दिन बाद पता चला कि ऐसा बिजनेस में एक बड़ा नुकसान होने के कारण हुआ है. पापा डिप्रेशन में आने लगे .
बिजनेस चौपट होता गया, अब जीवन में सिर्फ दवाइयां अस्पताल और परेशानियां ही रह गई थी. हम छोटे थे इसलिए बिजनेस संभाल नहीं पाए पापा का सारा जिंदगी का कमाया रुपया मार्केट में खत्म हो गया. सब अपने पराए होने लगे , वह रिश्तेदार बहुत करीबी थे अब आंखें चुराने लगे . अच्छा हुआ जिंदगी की असलियत छोटी उम्र में पता चल गई .
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जहां कभी पैसे की कोई परेशानी नहीं थी वहां अब घर चलाने के लिए हम दोनों भाइयों को नौकरी कर करनी पड़ी. मेरी नौकरी लगी 1200 रुपए प्रतिमाह की और हर्ष जी की 2200 रुपये प्रतिमाह. अब दोनों भाई मिलकर इतना पैसा कमाते थे जितना कभी हम अपने बर्थडे पार्टी में खर्च कर देते थे . लेकिन कोई और चारा भी नहीं था .
सोचते थे कि कुछ भी करके बीते दिनों में जो खो दिया है उसे दोबारा पाना है . यही तड़प दिन रात दौड़ती थी . कुछ समय बाद समझ आया कि नौकरी से कुछ नहीं होने वाला , तो बिजनेस करने का प्लान किया .
Success Stories of Indian Entrepreneurs
ज्यादा पैसे तो थे नहीं तो एक छोटा सा प्रिंटिंग का बिजनेस शुरू कर दिया . अब हम दोनों भाई 15 से 20,000 कमा लेते थे . जिंदगी थोड़ी संभालने लगी तो बिजनेस बढ़ाने की कोशिश की . अनुभव कम था इसलिए जल्दी ही 1, 2 बड़े नुकसान हो गए. साल 2 साल तक काम करके मजा नहीं आ रहा था तो बिजली और बदल दिया.
अब हमने एक ट्रक ले लिया और ट्रांसपोर्ट के लाइन में आ गए . हमारा काम घर से 70 किलोमीटर दूर गुड़गांव के नजदीक सोहना से चलता था . सुबह 5:00 बजे ठंड में जाना और रात के 10 – 11 बजे आना , यही जिंदगी हो गई थी .
सभी बड़े बड़े तेज तर्रार ट्रांसपोर्ट के बीच हम ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए , और हिम्मत टूट गई , वापिस प्रिंटिंग का काम चालू हो गया . साथ साथ कभी प्लास्टिक का काम किया तो कभी कंट्रक्शन का कभी कुछ और कभी कुछ लेकिन संभल नहीं पाए. सन 2000 जनवरी में एक फैक्ट्री लगाई और कुछ मोटर पार्ट्स बनाने शुरू कर दिए. काम ठीक ही चल रहा था कि नवंबर में दिल्ली सर्कार ने प्रदूषण को फैलाने वाली फैक्ट्रियों का सफाया करना शुरू कर दिया.
अब बद्किस्मातों में हमारा नंबर फिर पहला था . फैक्ट्री सील हो गए लेनदार पीछे पीछे थे और देनदार ने मुंह फेरना शुरू कर दिया. जिंदगी से कभी कभी निराश हो जाते थे लेकिन ज्यादा देर तक नहीं क्योंकि यह इरादा पक्का था कि जो खुशियां खो गई थी उन्हें जरूर पाना है , और उन्हें पाने के लिए पिछले यादें, पिछली तस्वीरें , और बदले हुए रिश्तेदारों की बातें हमेशा प्रोत्साहित करते थीं .हौसले बुलंद और नया काम शुरू यह जिंदगी का हिस्सा बन गया था.
Harsh Billa and Deepak Billa Success Stories of Indian Entrepreneurs
नया काम करने का मौका फिर आया 14 दिसंबर सन 2000, एक नया बिजनेस एक नई शुरुआत Safe Shop बिजनेस प्लान को पहली बार देखा अरमानों को फिर पंख लगाने लगे . पिछले सब बातें , असफलताएं भूल कर नए सिरे से नई शुरुआत. फिर नया जज्बा था कुछ कर दिखाने का . शायद यही एक चीज थी जो घरवालों से विरासत मिली थी . काम करना शुरू किया तो फिर न दिन देखा ना रात . थोड़ी बहुत बातें करनी बिजनेस करके आ ही गई थी, तो काम भी चलने लगा पहले 2 सेल्स पहले ही दिन में आ गई .
Success Stories of Indian Entrepreneurs
पहले हप्ते की कमाई 5000 रुपये थी और अनुभव नया था . ना तो पुराने बिजनेस की तरफ इसमें किसी को कुछ देना था और ना ही कोई खर्चा . अगले दिन पता लगा कि यदि पहली 50 सेल्स 30 दिन में पूरी हो गई तो रु 10000 का बोनस मिलेगा . खून रगों में तेज दौड़ने लगा और हम फिल्ड में तेज. पहले 28 दिन में 28 सेल्स हुई थी और आखिरी 2 दिन में 22 सेल्स 30 दिन में 50 साल पूरी की, और 10000 रुपये का बोनस भी लिया .
अब लगने लगा कि पुराने दिन जल्द ही वापस आएंगे. अब हमने तेजी से काम को बढ़ाना शुरू किया . धीरे-धीरे नेटवर्क बहार शहरों में जाने लगा . अब स्कूटर पर गुजरा नहीं हो रहा था , तो एक Second Hand Maruti 800 कार ले ली . पहले दिन जब कार लेकर घर गए तो घर वाले के आँखों में खुशी के आंसू थे . अब उन्हें विश्वास होने लगा था कि बुरा वक्त शायद ज्यादा देर तक नहीं रहेगा .
कर आते ही भागदौड़ ज्यादा हो गई. सुबह से देर रात तक प्लान दिखाना छोटी-छोटी मीटिंग लेना, फॉलो अप करना , सेल्स निकलना यही सब मानो जिंदगी हो गई थी. कभी खाली वक्त मिलता तो, जो कुछ सीखा , अपनी टीम के लोगों को सिखाना शुरू कर देते थे. इससे टीम के लोगों का भी हौसला बढ़ा .
टीम में अब लोगों की अच्छी इनकम आने लगी थी . पहले हमें अहसाह भी नहीं था कि दुनिया में कोई ऐसा भी काम हो सकता है जहां एक सेल्स पर इतने लोग पैसा कमा सकते हैं . अब रोज मीटिंग, ट्रेनिंग, फॉलो अप, सुबह 6:00 बजे क्या और रात के दो बजे क्या .सिर्फ एक ही काम होता था Safe Shop .
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मेहनत तो पहले भी बहुत करते थे शायद इससे भी ज्यादा, लेकिन जो मजा अब यहां आ रहा था वह कहीं और नहीं था. कड़े संघर्ष के साथ पहले 365 दिन यानी कि 1 वर्ष में 10000 टीम हो गई, और हमने कंपनी में पहली डायमंडशिप हासिल करी . घर वाले खुश हम खुश , तो लगाने लगा की सारी दुनिया खुशियों से भर गई है. Safe Shop Business के चलते आधे से ज्यादा हिंदुस्तान भी घूम लिया. क्योंकि नेटवर्क तो ऐसे बढ़ता है जैसे न्यूक्लियर बम फटा हो . 2002 में अपनी पसंद की एस्टीम कार ली .
Power Of Safe Shop Business Success Stories of Indian Entrepreneurs
एक दिन ऐसा आया जिसे हम जिंदगी भर नहीं भूल सकते. एक रात हमारा परिवार और हमारे दोस्त अरुण का परिवार रात के खाने पर गए. वहां पर महिलाएं अपनी ही बातें कर रही थी ,और हम आदमी कुछ अपनी बातें कर रहे थे. हमारे दोस्त अरुण की बहुत बड़ी फैक्ट्री है जिसमें कि 300 से ज्यादा कर्मचारी कार्य करते हैं . वहां पर चर्चा हमारे बिजनेस के बारे में हो रही थी.
हम बहुत देर तक सुनते रहे अरुण अपने बिजनेस की खूबियाँ और हमारे बिजनेस की कमियां गिनता ही जा रहा था . बहुत देर तक चुप रहने के बाद हमने कहा एक काम करते हैं, कि हम अभी यहीं से 1 महीने के लिए अपने परिवार के साथ गोवा घूमने चलते हैं. अरुण ने कहा नहीं मैं कैसे जा सकता हूं अगर मैं चला गया तो, फैक्ट्री कौन खोलेगा और कौन संभालेगा. तो हमने कहा हमारे जाने पर भी हमारा Safe Shop Business सकुशल चलता रहेगा .
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अरुण ने अब ताव में आकर कहा चलो चलते हैं हमने कहा हम दोनों कल अपनी अपनी पासबुक पूरी करवाते हैं , और 1 महीने गोवा में बिताने के बाद देखेंगे किसका बैंक बैलेंस ज्यादा बढ़ता है.
फिर अरुण ने कहा अगर मैं फैक्ट्री नहीं खोलूंगा तो कमाई कहां से होगी, तो बैंक बैलेंस कैसे बढ़ेगा. हमने कहा गोवा में परिवार के साथ आनंद लेते हुए और बिजनेस में कुछ ना करते हुए भी हमारा बैंक बैलेंस जरूर बढेगा . अब उसके पास इसके आगे कोई और जवाब नहीं था क्योंकि अरुण हमारे Safe Shop Business की ताकत हो समझ चुका था .
Deepak Billa and Harsh Billa Time Freedom & Money Freedom Success Stories of Indian Entrepreneurs
इसी समय में हमें भी एहसास हुआ कि जिस टाइम फ्रीडम और मानी फ्रीडम की बात हम करते थे वह टाइम फ्रीडम और मनी फ्रीडम हम प्राप्त कर रहे हैं.
अब हम बिजनेस का नया रूप देख रहे थे. हम जिन शहरों में कभी गए भी नहीं वहां से अधिक मात्रा में सेल्स आने लगी. बड़े-बड़े प्रोग्राम में हमें चीफ गेस्ट की तरह बुलाने लगे . लोगों में हम से मिलने और हम को सुनने की उत्सुकता, तालियों की गड़गड़ाहट और हमारी कामयाबी के चर्चे हमें और भी ज्यादा उत्साहित करने लगे.
नेटवर्क की ताकत ने हमें पिछले 17 वर्षों में काफी शक्तिशाली बना दिया. जब बिजनेस शुरू किया था सिर्फ एक चीज चाहिए थी और वह था पैसा , लेकिन पैसे के साथ साथ और भी बहुत कुछ मिल गया. पूरे हिंदुस्तान में अपना एक परिवार, समय की आजादी , उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ते कदम.
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अगर आपको दीपक बिल्ला और हर्ष बिल्ला के यह सक्सेस स्टोरी अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के साथ व्हाट्सएप पर शेयर करें ताकि उनको पता चले कि एक आदमी नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस करके, विशेषकर सेफ शॉप और इवॉल्व इंडिया के साथ काम करके कितना पैसा कम सकता है, और अपने लाइफ में वह सब कुछ पा सकता है जो सोच सकता है. यदि आपका कोई सुझाव हो तो आप हमें नीचे कमेंट कर सकते हैं .
धन्यवाद !
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