नेटवर्क मार्केटिंग क्या है? What is Network Marketing in Hindi?
महत्वपूर्ण बिन्दू
नेटवर्क मार्केटिंग क्या है? What is Network Marketing in Hindi? इसको एक कहानी के माध्यम से समझते है।
एक बार एक राजा ने 4 अंधों को अपने दरबार में बुलाया और उनको बुला कर उनके सामने एक शर्त रखा।
राजा का शर्त यह था कि आप लोगों के सामने एक हाथी को रखा जाएगा और आप लोग को उस हाथी को छूकर यह बताना है कि हाथी देखने में कैसा होता है।
अगर आप लोगों का जवाब सही निकला तो आप लोगों को इनाम दिए जाएंगे।
तो अंधों ने शर्त को मान लिया और शर्त मानने के बाद उन लोगों के सामने एक हाथी को लाया गया और एक एक करके वह चारों अंधों ने हाथी को छुआ और आकर बैठ गए।
उसके बाद राजा ने एक-एक करके अंधों को अपने पास बुलाया और पहले वाले से यह पूछा कि बताओ हाथी दिखने में कैसा लगता है?
तो पहला अंधा यह बताता है कि हाथी तो देखने में खंभे जैसा होता है। वह इसलिए खंभे जैसे बताया क्योंकि वह हाथी के पैर को छुआ था।
और जब दूसरे अंधे से पूछा जाता है कि बताओ हाथी देखने में कैसा लगता है, तो दूसरा अंधा यह जवाब देता है कि हाथी तो देखने में अजगर जैसा दिखता है।
उसने अजगर जैसे इसलिए बताया क्योंकि वह हाथी के सुढ को छुआ था।
और जब तीसरे अंधे को बुलाकर पूछा गया कि तुम बताओ हाथी देखने में कैसा दिखता है, तो तीसरा अंधा जवाब देता है कि हाथी तो देखने में सूप जैसा होता है। क्योंकि वह तीसरा अंधा हाथी के पेट को छुआ था।
और फिर जब चौथे अंधे को बुलाकर यह पूछा गया कि अब तुम बताओ हाथी दिखने में कैसा दिखता है, तब वह चौथा अंधा जवाब देता है कि हाथी तो देखने में सांप जैसा होता है। क्योंकि उसने हाथी के पूंछ को छुआ था।
कुछ इसी तरह की बातें बहुत लोग नेटवर्क मार्केटिंग को लेकर करते हैं। वह कुछ देर के लिए इसके संपर्क में आ जाते हैं और फिर बाद में बात करते हैं कि यह तो मेंबर बनाने वाला काम है।
तो कोई कहता है यह बेकार लोगों का काम है। इसमें कोई सफल नहीं होता है।
कोई कहता है, यह चैन सिस्टम है इसमें ज्यादातर लोग यही बोलते हैं की हमारे बस का काम नहीं है। यह काम तो चलता ही नहीं है, क्योंकि हर किसी को हम राजी नहीं कर सकते हैं।
नेटवर्क मार्केटिंग क्या है? What is Network Marketing in Hindi?
“कंपनी के किसी भी उत्पाद को नेटवर्क मार्केटिंग के द्वारा उपभोक्ता तक सीधे पहुँचाया जाता है, जिसमे उपभोक्ता सीधा कंपनी से जुड़ता है और प्रोडक्ट को खरीदता है जिसपर कंपनी उपभोक्ता को कुछ फायदा देती है, जैसे कंपनी के प्रोडक्ट पर डिस्काउंट और कैशबैक आदि।”
अगर इसको एक लाइन में कहें तो “नेटवर्क मार्केटिंग एक ऐसा बिज़नस मॉडल है जहाँ कोई व्यक्ति कम्पनी से जुड़कर किसी प्रोडक्ट्स या सर्विसेज को सीधे कस्टमर तक पहुंचाता है” इसी कांसेप्ट को नेटवर्क मार्केटिंग कहते हैं।
अगर सीधी तरह से देखा जाए तो बात यह है कि ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि ज्यादा पैसा कमाने के लिए ज्यादा मेहनत करना पड़ता है।
जबकि ऐसा नहीं है, आपकी आमदनी तभी बदलती है जब आपका नजरिया बदलता है।
इसीलिए कहा गया है कि 21वीं सदी की सबसे बड़ी खोज यह है कि लोग अपना नजरिया, अपना सोच बदल कर अपनी जिंदगी को बदल सकते हैं।
जबकि 100% लोगों में से 5%लोग ही ऐसा कर पाते हैं, तभी वह अपनी लाइफ में सक्सेस हुए हैं।
डायरेक्ट सेलिंग क्या है? What is Direct Selling in Hindi?
डायरेक्ट सेलिंग को ही नेटवर्क मार्केटिंग और मल्टी लेवल मार्केटिंग के नाम से जाना जाता है। डायरेक्ट सेलिंग का 3 नाम है डायरेक्ट सेलिंग, नेटवर्क मार्केटिंग, मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM)।
यदि इन तीनों एक लाइन बतायें तो वह यह है की “नेटवर्क मार्केटिंग या डायरेक्ट सेल्लिंग या मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) एक ऐसा बिज़नस मॉडल है जहाँ कोई व्यक्ति कम्पनी से जुड़कर किसी प्रोडक्ट्स या सर्विसेज को सीधे कस्टमर तक पहुंचाता है” इसी कांसेप्ट को नेटवर्क मार्केटिंग या डायरेक्ट सेल्लिंग या मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) कहते हैं।
निचे image में देख सकते हैं
नेटवर्क मार्केटिंग या डायरेक्ट सेल्लिंग की सम्पूर्ण गाइड और वर्कशॉप पॉवरपॉइंट फाइल की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
ट्रेडिशनल मार्केटिंग क्या है ?
ट्रेडिशनल बिजनेस में यह होता है कि कस्टमर सामान खरीदने के लिए मार्केट में जाता है और वह सामान को खरीदता है और पैसा पे (Pay) करता है और अपने घर आ जाता है।
उसको इस बात से कोई मतलब नहीं रहता है कि प्रोडक्ट कहां से आया, कैसे आया, उसको इस बात से कोई मतलब नहीं रहता है।
जर्नलि अगर देखा जाए तो प्रोडक्ट कस्टमर तक पहुंचने के लिए एक बहुत बड़ा प्रोसेस को तय करता है। सबसे पहले तो उसको मैन्युफैक्चर किया जाता है, फैक्ट्री मेंमैन्युफैक्चरर होता है उसके बाद वह सम्मान डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाता है और डिस्ट्रीब्यूटर से होलसेलर के पास जाता है होलसेलर के बाद रिटेलर के पास जाता है और उसके बाद शॉपकीपर और फिर कस्टमर के पास, इस तरह के प्रोसेस से गुजरना पड़ता है।
निचे image में देख सकते हैं
सफर के दौरान कई परिवर्तन होता है, प्रोडक्ट में तो कोई परिवर्तन नहीं होता है लेकिन उसके प्राइस में परिवर्तन होता है। उसका रीजन यह है कि शिपिंग लगता है फिर उसके बाद टैक्स ऐड होते हैं।
इसी तरह करते-करते प्रोडक्ट का प्राइस बढ़ जाता है और प्रोडक्ट का प्रचार सेलिब्रिटी लोग करते हैं उस प्रोडक्ट का तारीफ करते हैं, ताकि ग्राहक ज्यादा से ज्यादा खरीदें और इस एडवरटाइजमेंट का पैसा कस्टमर से ही लिया जाता है।
इन्हीं पैसों को वापस लेने का तरीका है डायरेक्ट सेलिंग, नेटवर्क मार्केटिंग और मल्टी लेवल मार्केटिंग है।
यह कोई चैन सिस्टम नहीं है, नेटवर्क मार्केटिंग में कस्टमर सीधे निर्माता से जुड़ता है और प्रोडक्ट को यूज करता है और यूज़ करने के बाद अपने अनुभव को अपने दोस्तों अपने रिश्तेदारों और पड़ोसी के साथ एक्सप्लेन करता है।
तो अगर उनको भी यह प्रोडक्ट अच्छा लगता है तो वह भी परचेज करते हैं और यूज करने लगते हैं। इसी तरह से लोग एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं और इसी तरह से नेटवर्क बनते जाता है।
एक आदमी के कारण जितना भी नेटवर्क बनता है वही उसका नेटवर्क कहलाता है।
उस नेटवर्क में जितनी भी प्रोडक्ट यूज में लाया जाता है यानी कि जितने भी लोग प्रोडक्ट को खरीदते हैं यूज करते हैं उसी का एक बिजनेस टर्नओवर कंप्यूटर में दर्ज किया जाता है और उसी के माध्यम से लोगों को कमीशन दिया जाता है और उसको खरीदते वक्त भी लोगों की कमाई अच्छी हो जाती है।
इसमें अब 3 तरीके से प्रोडक्ट का कंजक्शन बढ़ा सकते हैं।
- सेल्फ कंजक्शन करके।
- अपने दोस्तों को अपने पड़ोसियों को और अपने रिश्तेदारों के साथ सेल करके।
- उनको इस बिजनेस का नेटवर्क मार्केटिंग जो 21वीं सदी की सबसे बड़ी बिजनेस है, इस बिजनेस का इंपॉर्टेंट समझा कर के।
इसमें सिर्फ आपको अपना ब्रांड चेंज करना है, प्रोडक्ट वही रहेगा और चेंज करने में तो लोग बहुत एक्सपर्ट है। क्योंकि जीस चीज का प्रचार दिखाया जाता है वही खरीदने लगता है, कभी लक्स का प्रचार देखते हैं तो लक्स खरीदते हैं डिटॉल का प्रचार दिखते हैं तो डिटॉल खरीदते हैं इस तरह से लोग चेंज कर देते हैं।
अब इसके बाद शेयर करने की बात आती है तो शेयर भी लोग व्हाट्सएप से फेसबुक से तरह तरह की चीजों को शेयर करते रहते हैं लेकिन उसमें कोई भी बेनिफिट नहीं होता है।
लेकिन अगर इसमें शेयर किया जाए तो क्या-क्या बेनिफिट है आपको पता ही चल गया।
और इसके बाद सपोर्ट करना है तो अगर आप सपोर्ट करेंगे तो आपका भी इनकम बढ़ेगा और उनका भी इनकम बढ़ेगा। यह बात तो सच है कि कस्टमर द्वारा जो प्राइज पे किया जाती है उसका 50 %से 60% हिस्सा बीच में काम करने वाले लोगों का होता है, जो निर्माता से लेकर कस्टमर तक प्रोडक्ट को पहुंचाने का काम करते हैं।
नेटवर्क मार्केटिंग में उत्पादित वस्तु क्रेता तक पहुंचाने का जो जिम्मेदारी होता है वह निर्माता की होती है और कस्टमर अपने कंजक्शन के आधार पर प्रोडक्ट को अपने दायरे में फैलाता है।
ऐसे ही करके उसको कुछ लाभ प्राप्त हो जाता है ।
तो यहां पर यह बात तो सच है कि 50 % से 60 % तक उन लोगों में बांट दिया जाता है जो लोग प्रोडक्ट को कंजक्शन करने में लोगों के मदद करते हैं, इसी को ही नेटवर्क मार्केटिंग, मल्टी लेवल मार्केटिंग या डायरेक्ट सेलिंग कहते हैं।
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