सबसे पहली गलती लोग क्या करते हैं कि बहुत ही अधिक बोलते हैं। जैसे कि आपने अपने दोस्तों या रिश्तेदारों में देखे होंगे की कोई बहुत ही अधिक बोलता है, ..
बेमतलब की बातें बेवजह की बातें करते रहते हैं। यानी कि वह बहुत ही अधिक बोलते हैं। अगर एक बार वह स्टार्ट हो जाते हैं तो एक साउंड की तरह बजते ही रहते हैं।
ऐसे लोगों की ना तो कोई बातें सुनना पसंद करता है नाही उनको कोई वैल्यू देता है, नाही इज्जत करता है, नाही ऐसे लोगों की बातों को कोई ध्यान से सुनता है और नाही कोई ऐसे लोगों की बातों को फॉलो करता है।
आपने ऐसे बहुत लोगों को देखे होंगे कि वह मुद्दे की बात नहीं करते हैं यानी कि कहीं पर बात कोई और चल रही थी और आकर बात कोई और कहने लगते हैं ..
तो आपको यहां पर ऐसी गलतियां कभी नहीं करना है। जब भी आप बात करें मुद्दे की बात करें ताकि आपकी बातों को हर कोई सुनना और फॉलो करना पसंद करें।
कुछ लोग क्या करते हैं कि वह सिर्फ अपने ही बारे में बोलते हैं,यानी कि उनको मैं से इतना ज्यादा अटैचमेंट होता है कि..
वह जब भी बोलते हैं मैं से ही स्टार्ट करते हैं। वह अपने बारे में ही ज्यादा बोलते हैं, वह अपने ही गुणों का बखान करने लगते हैं।
अपने पास्ट के बारे में बताने लगते हैं यानी कि हर बार में मैं सिर्फ कहते रहते हैं। मैं यह हूं, मैं वह हूं, मैं यह किया हूं। हर बार सिर्फ अपने ही बारे में बखान करते हैं..
यानी वह हर बार अपने बातों को रखना चाहते हैं। कहीं पर थोड़ी सी सक्सेस भी मिल जाती है तो बहुत खुश हो जाते हैं और उस बात को भी हर बात-बात पर रखना चाहते हैं।