12 Brain rules that will change your life

12 Brain rules that will change your life (12 मस्तिष्क नियम जो आपके जीवन को बदल देंगे)

महत्वपूर्ण बिन्दू

12 Brain rules that will change your life. John medina कहते हैं कि हमारी सारी प्रॉब्लम  का जड़ हमारे दिमाग  की सोचने की तरीका है और यह तभी ठीक हो सकता है जब हम दिमाग के जरूरी रूल्स को जान ले, तो इसीलिए उन्होंने हमारे लिए न्यू याक टाइम की बेस्ट सेलर बुक ब्रेन रूल्स लिखिए हैं।

जिसमें उन्होंने 12 साइंटिफिक रूल्स बताएं हैं जिन्हें जान के और फॉलो करके हम अपने पढ़ने की, सीखने की और काम करने की पावर को 10 गुना बढ़ा सकते हैं। चाहे आप एक बिजनेसमैन हो, जॉब वर्किंग हो, स्टूडेंट हो या  टीचर, यह 12 तरीके आपके परफॉर्मेंस नेक्स लेवल पर ले जाएगी और डेली लाइफ में आपके लिए चीजें आसान करके आपकी लाइफ को आपको और आपके ब्रेन को पहले से बेहतर और स्मार्ट बनाएंगे तो आइए जानते हैं वह 12 रूल्स –

12 Brain rules that will change your life
12 Brain rules that will change your life

Rules 1. Brain is a Survival Organ Which Evolved with Time.

हम इंसानों का दिमाग एक सरवाइवल ऑर्गन है जो समय के साथ ईवाल्व हुआ है, हम इंसानों की ईवाल्व यानी कि विकसित होने के साथ ही हमारे सोचने का तरीका और सर्वाइवल की टेक्निक्स भी पहले से ईवल्व और अलग  हुई हैं। चाहे हम इस वर्ल्ड में सबसे ताकतवर ना हो लेकिन हमने वक्त के साथ सबसे ज्यादा स्ट्रांग ब्रेन डेवलप किया है।

यही हमारे सर्वाइकल का भी रीजन है, चाहे वह हमारी हिस्ट्री हो या हमारा आज, हमारा एक्शन को एनालाइज करना और जिंदा रहने के लिए या दूसरे इंसानों के साथ कॉपरेट करना ही, हमारी हजारों सालों से सर्वाइकल स्टैटजी रही है। ताकि हमें सरवाइव करने के लिए मदद मिले और जिंदा रहने के लिए की हम अपने जनरेशन को आगे बढ़ा सके।

अगर हमारा एनवायरमेंट और आसपास के लोग हमारे गोल्स को सपोर्ट करते हैं तो हमारी प्रोडक्टिविटी और क्रियेटवेटी भी बुस्ट होती हैं। लेकिन अगर हमारे यही रिलेशंस, कनेक्शंस और ऑनस्टैंडिंग दूसरे लोगों के साथ सही ना हो तो वह ग्रुप और एनवायरमेंट हमारे ब्रेन और हमारे लाइफ दोनों को बेकार बना देता है और यही चीज हमारी वक्त से पहले डेथ का भी रीजन बन सकती हैं। तो सिर्फ स्ट्रांग गेस्ट ब्रेन सरवाइव करते हैं न की स्ट्रांग गेस्ट बॉडी।

Rules 2. Exercise Boosts our Brain Power.

  एक्सरसाइज करना हमारी ब्रेन की पावर को बढ़ाता है रिसर्चस ने 2 तरीके की पॉपुलेशन पर स्टडी की जो एक दूसरे की अलग लाइफ स्टाइल जीते थे। ग्रुप A में वह लोग थे जिओ रोजाना फिजिकल एक्सरसाइज करते थे और हाईली एक्टिव रहते थे, और वहीं दूसरी तरफ ग्रुप  B में वह लोग थे जो कोई फिजिकल एक्सरसाइज या एक्टिविटी नहीं करते थे ।

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तो रिचरसज ने पाया कि ग्रुप A का काकंटेव ज्यादा था ग्रुप B के मुकाबले। वैसे तो हमारा ब्रेन रोज 19 किलोमीटर चलने के लिए बना है लेकिन अगर हम हर हफ्ते में दो से तीन दिन 30 मिनट भी कोई फिजिकल एक्सरसाइज करें तो हम अपने दिमाग के एनर्जी को बढ़ाकर सोचने और सीखने की पावर को बढ़ा सकते हैं।

क्योंकि एक्सरसाइज ब्रेन में ब्लड पहुंचाती है और फिर वही ब्लड एनर्जी ग्लूकोज की मदद से ब्रेन में टैक्सी सेल को खत्म करती है, ताकि ऑक्सीजन का फ्लोर हमारे ब्रेन से ब्रेन फाक और थिंकिंग ब्लॉक क्लियर कर सकें साथ ही ब्रेन में ज्यादा न्यूरॉन्स पहुंच सके और वह न्यूरॉन्स हमारी क्रिएक्टिवेटी और मेंटल सपनेट को बढ़ा सके ।

Rules 3. Seep Well Think Well.

अच्छी नींद हमारी सोच को सही और प्रोडक्टिव बनाती है प्रॉपर स्लीप ना मिलने के कारण ब्रेन हमारे फोकस करने की पावर, ब्रेन फंक्शन, मेमोरी मूड और इवन लॉजिकल थिंकिंग को भी वक्त के साथ डैमेज करता जाता हैं। एक स्टडी में यह तक पता चला कि सिर्फ 26 मिनट स्लीप नैप  लेने से नासा के पायलट की परफॉर्मेंस 34% परसेंट तक बढ़ गई थी।

अगर आप भी दिन भर थका हुआ फिर करते हो या दोपहर में आपको भी सोने का मन करता है तो यह कामन है। क्योंकि दोपहर 3:00 बजे के आसपास दिमाग में बायोकेमिकल्स के बीच एक जंग चल रही होती है जिसमें एक तरफ जगे रहने की कोशिश होती है तो दूसरी तरफ सोने का मन करता है। तो उस वक्त अगर पॉसिबल हो तो हमें कुछ देर की  झपपी जरूर लेनी चाहिए।

डॉक्टर मरीना का कहना है कि असल में हमारा ब्रेन सोने के दौरान भी रेस्ट नहीं कर रहा होता है वह दिनभर की इंफॉर्मेशन को प्रोसेस और चीजें लर्न कर रहा होता है । लेकिन हमारे लिए प्रॉपर स्लीप और नैप्स लेना बहुत जरूरी है एक प्रोडक्टिव माइंड के लिए।

Rules 4. Stressed Brains Don’t Learn The Same Way.

  हमेशा चिंता करना हमारी लर्निंग एवीलिटी और दिमाग दोनों को डैमेज करता है हमारा ब्रेन लगभग सिर्फ 30 सेकंड तक चलने वाले स्ट्रेस से निपटने  के लिए ही बना है ज्यादा लंबे समय तक रहने वाले स्ट्रेस के लिए नहीं क्योंकि ज्यादा स्ट्रेस लेना हमारे ब्रेन  के ब्लड प्रेशर को खराब कर देता है और इसके कारण हमें हार्ड अटैक भी आ सकता है।

अगर आपको घर में क्लास में या जॉब में आपको रोजाना काफी ज्यादा स्ट्रेस एक्सपीरियंस करना पड़ता है, तो यही स्ट्रेस आपके लाइफ में सक्सेसफुल होने के चांस को इफेक्ट करता हैं। मतलब आपके घर में एनवायरमेंट ठीक नहीं है तो इसका स्ट्रेस आपकी जॉब में या क्लास में परेशान करेगा और आपके परफॉर्मेंस और प्रोडक्टिविटी को खराब करेगा।

क्योंकि ज्यादा  स्ट्रेस एक कोर्टिसोल बढ़ने के कारण हिप्पोकेंपस में सेल्स डैमेज होने लग जाते हैं और हमारे ठीक से सोचने और याद करने की एबिलिटी कमजोर  होने लग जाती है तो अगर आपके रिलेशन ठीक नहीं है और इस बात का आपको स्ट्रेस होता है तो उन्हें ठीक करो और अपने घर का स्ट्रेस अपने ऑफिस या क्लास में लेकर मत जाओ। जिन चीजों और लोगों को कंट्रोल नहीं कर सकते उनका स्ट्रेस आपको नहीं लेना चाहिए।

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Rules 5. Every Brain is Wider Differently.

  हर दिमाग डिफरेंटली वायर्ड होता है, हमें स्कूल में बताया गया था कि हम इंसानों का ब्रेन एक जैसा होता है लेकिन यह इंफॉर्मेशन गलत है। काफी रिसर्च के बाद सइंटिस ने बताया है की हर इंसान के ब्रेन के वायरिंग अलग होती है। अपने ब्रेन को डेवेलोप तो कर सकते हैं लेकिन हमारा ब्रेन किसी और की तरह बिल्कुल सेम नहीं हो सकता।

यहाँ तक की दो जुड़वा बच्चों का भी नहीं। डिफरेंट ब्रेन वायरिंग को हमारा एजुकेशन सिस्टम इग्नोर करता है ग्रेड सिस्टम के द्वारा, जहां हमारे इंटेलिजेंस को, हमारे टेस्ट और एग्जाम के मार्क्स एंड परसेंटेज से नापा जाता है जबकि हर स्टूडेंट का, एम्प्लोयी का या कस्टमर का ब्रेन डिफरेंटली वायड होता है।

जिस वजह से बिजनेसेस, जैसे अमेजॉन, वर्ल्ड वाइड, करोड़ों लोगों की इंफॉर्मेशन और इंटररेस्ट जान के सक्सेसफुल कंपनी बनी है। अगर हम सिर्फ एक बार किसी प्रोडक्ट को ऐमेज़ॉन या कोई और साइड में देखते हैं तो फिर वह प्रोडक्ट हमारी सारे सोशल मीडिया या प्लेटफार्म में हमें दिखाई देता है।

Rules 6. we Don’t Pay Attention to Boring Things.

   हम इंसान बोरिंग चीजों पर ध्यान नहीं देते, हम सिर्फ उन्हीं चीजों पर ध्यान देते हैं जिनके पीछे हमारा इंटररेस्ट, प्रॉफिट  इमोशन या कल्चर जुड़ा हुआ होता है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हो, आपका ब्रेन कौंसिसली या सबकौंसिसली इन क्वेश्चन पर फोक्स करता है।

जैसे क्या मैं ये खा सकता हूं, क्या यह मुझे खा सकता है, क्या मैं इससे रिलेशन बना सकता हूं या क्या मैंने इसे देखा है और इंटरेस्ट या रीजन ढूंढता है।  ब्रेन मल्टीटास्किंग के लिए नहीं बना, लेकिन फिर भी ऑफिस और स्कूलस मल्टी टास्किंग करना एनकरेज करते हैं। मल्टी टास्किंग हमारी गलती और फेलियर के चांसेस 50% तक बढ़ा देती है।

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Rules 7. Repeat to Remember.

हमें कुछ भी सीखने के लिए या याद रखने के लिए इंफॉर्मेशन को रिपीट करना चाहिए हमारा ब्रेन कुछ इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन को ही ज्यादा देर तक स्टोर करके रखता है बाकी के अनइम्पोर्टेन्ट चीजों को हमारी शर्ट टर्म मेमोरी रेस करना शुरू कर देती है। तभी विजन बोर्ड, रिटर्न गोल्स या रिमाइंडरस जरूरी है हमारी ब्रेन को याद दिलाने के लिए यह इंफॉर्मेशन इम्पोर्टेन्ट है।

अगर आपको किसी चीज को याद करना है या किसी चीज को सिख के उसमें बेस्ट बनना है, तो आप उस चीज को हर कुछ देर बाद रिपीट करो, जिससे की प्रैक्टिस हो सके और बार-बार एक ही चीज पर ध्यान रखा जा सके ।

Rules 8. Our Senses Work Together So it is Important to Stimulate Them.

    हमारे सभी  सेंसेस एक साथ काम करते हैं, तो हमें उन सभी का पूरी तरह से यूज करना चाहिए, हमारी इस्माइल करने की  सेंसेस ही पॉटरी पपकन से सीधा हमें मूवी थियेटर की याद दिलाती है या बारिश और फूलों की खुशबू हमें किसी पर्सन सिचुएशन और जगह  की याद दिलाती है,

तो अगर आपको पढ़ते समय या काम करते वक्त कुछ याद करना हो तो आप उसके साथ एक इस्माइल या फ्रेगरेंस को जोड़ सकते  हो । अब चाहे आप का परफ्यूम हो या रूम कैंडल, आपको जब भी वह इस्मैंइल आएगी, तो आपको फास्ट में हुई इंफॉर्मेशन याद आएगी और इसके चांसेस 10 से 50% भी हो सकते है।

Rules 9. Vision Trumps All Other Senses.

हमारी देखने की सेंस हमारी सभी सेंसस से ज्यादा होती है। हम बिज्वली देखी गई इंफॉर्मेशन को ज्यादा याद रखते हैं कंपेयर टू सुनी गई या  पढ़ी हुई। आपको बायोग्राफी फड़के शायद याद नहीं होगा कि कौन से पेज नंबर पर एक्जेक्टली क्या बात या सिचुएशन लिखी थी लेकिन उसी बायोग्राफी कोई फिल्म बनी होगी तो उस मूवी के सीन आपको अच्छे से याद होंगे।

क्योंकि हमने अपने हिस्ट्री में जानवरों, खाना, खतरा, सिचुएशन और इंसानों को देखने के बाद ही जाना जाता है कि हमारे लिए क्या सही है और क्या नहीं, और फिर उसी विजुअल पावर को हमने आज या लेटर च मे कनवर्ट किया ताकि हम चीजों को विजुअल याद रख सके।

Rules 10. Music Can Make Our Brain Smarter.

  म्यूजिक सुनना या कम्पोज करना हमें स्मार्ट बना सकता है, डॉक्टर मेडिना की वाईफ भी एक क्लासिकल म्यूजिक कंपोजर रह चुकी है और उन जैसे कॉफी म्यूजिशियंस को अब्जॉर्ब और स्टडी करके ही लेखक ने जाना कि हमारा म्यूजिक टेस्ट हमारा पर्सनालिटी को शो करता है।

और म्यूजिक हमारी मेमोरी और इस्किल को शार्प भी करता है, म्यूजिक कंपोज करना हमारी रीडिंग एबीलिटी, मैथस और इमोशनल इंटेलिजेंस को बढ़ा सकता है और म्यूजिक सुनना हमारे मूड को चेंज और वोकैबलरी इंप्रूव कर सकता है, यह ऐज टू ऐज और इंटरेस्ट पे डिपेंड करता है।

Rules 11. Male and Female Brain are Different.

मेल और फीमेल के दिमाग एक दूसरे से डिफरेंट होता है। एक बार रिसर्च अलेरिके ने  मेल और फीमेल  दोनों एक  होरन मूवी दिखाएं और पाया कि उस दौरान मेल के ब्रेन के सिर्फ राइट हिमस्फेयर हिस्सा काम कर रहा था और लेफ्ट ऐसा शांति था और वही फीमेल्स का लेफ्ट हिमस्फेयर हिस्सा काम कर रहा था और राइट हिस्सा शांत था।

जिससे उन्हें पता चला कि मेल और फीमेल का स्ट्रेस हैंडल करने का सोचने का और काम करने का तरीका एक-दूसरे से काफी अलग होता है। और ऐसे ही काफी केस स्टडीज करने के बाद मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल को पता चला कि फीमेल्स मेल सबसे ज्यादा डिफरेंस होती है और नर्वस हो जाती है।

और बिप्टी के दौरान काफी एग्जिट फिल करती हैं। वहीं लड़कों में पाया जाता है कि विप्टी के दौरान एंटीसोशल हो जाते हैं। मेल्स और फीमेल्स के इमोशन का हैंडल करने का तरीका भी एक-दूसरे से काफी अलग होता है।

Rules 12. We are Powerful and Natural Explores.

हम इंसान एक पावरफुल और Natural Explores है, हमेशा कुछ नया करने का Explore हमें कभी भीअकेला नहीं छोड़ता,  लेकिन ज्यादातर अपने क्लासेस या ऑफिस के क्विकल में ही फंसे रहते हैं। जबकि हम ह्यूमन नई चीजें Explore करने और सीखने के लिए बने हैं। हम बचपन में कितने क्यूरियस होते हैं।

किसी भी चीज को तोड़कर या खोल कर उसके बारे में हमें जानना होता था लेकिन यही चीज उम्र बढ़ने के साथ कम हो जाती है। गूगल अपने एम्पलाइज को हमेशा 20% टाइम देता है एक्सप्लोर करने के लिए, और यही एक्सप्लोसन ने Gmail और Google ने न्यू आइडियाज को इन्वेंट करा , तो हमें भी बच्चों की तरह डिफरेंट एक्सफ्लोर या ट्राई करते रहना चाहिए ग्रेटआइडिया और ब्रेन ग्रोथ के लिए।

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आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद।

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Angesh Kumar Gond | Blogger | YouTuber, Hello Guys, मेरा नाम अंगेश कुमार गोंड हैं । मैं एक ब्लॉगर और youtuber हूं । मेरा दो YouTube चैनल है । एक Angesh Kumar Gond जिस पर एक लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं और दूसरा AG Digital World यह मेरा एक नया चैनल है जिस पर मैं लोगों को ब्लॉगिंग और यूट्यूब के बारे में सिखाता हूं, कि कैसे कोई व्यक्ति जीरो से शुरुआत करके एक अच्छा खासा यूट्यूब चैनल और वेबसाइट बना सकता है । Thanks.

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