आज के इस लेख में मैं आप सभी को बताऊंगा कि नेटवर्क मार्केटिंग में कामयाब होने के लिए सबसे बड़ी क्वालिटी आपको कौन सी चाहिए ? नेटवर्क मार्केटिंग में कामयाब होने के लिए तो बहुत सारी क्वालिटी है।
लेकिन इन सारी क्वालिटी में जो सबसे बड़ी क्वालिटी है वह यह है की सुनना, बोलने से भी ज्यादा इंपॉर्टेंट है सुनना, अगर आपको सुनना नहीं आता है तो आप नेटवर्क मार्केटिंग में बहुत आगे तक नहीं पहुंच पाएंगे।
बहुत सारे लोग यह सोचते हैं कि नेटवर्क मार्केटिंग में अच्छी कामयाबी पाने के लिए बहुत ही ज्यादा बोलना पड़ता है। लेकिन मैं आपको यह बता दूं कि बहुत अच्छा बोलने के साथ-साथ बहुत अच्छा सुनना भी आना चाहिए।
आप इस बात को समझिए कि अगर आप किसी के बातों को ध्यान से नहीं सुनेंगे तो उसके प्रॉब्लम का सलूशन कैसे देंगे ? और आप अपनी जिंदगी में सबसे ज्यादा किसको मानते हैं आपका सबसे क्लोज फ्रेंड कौन होता है ?
बहुत सारे नेटवर्क मार्केटर ऐसे भी हैं जो बहुत ही अच्छा बोलते हैं और बहुत ही ज्यादा बोलते हैं लेकिन बहुत कम सुनते हैं। और जब तक आप सुनेंगे नहीं तब तक आप अपने गेस्ट के बातों को समझ नहीं पाएंगे ,
और जब आप उसके बातों को समझेंगे नहीं तो उसका सलूशन कहां से देंगे ? सुनने की कला चार प्रकार का होता है। तो आज की इस लेख में मैं आप सभी को सुनने कि इन चारों कला के बारे में बताऊंगा जिससे आपको समझने से यह फायदा होगा कि अभी आप कहां हैं और आपको कहां पहुंचना है।
1 Ignore करने के लिए सुनना यानी कि आपको कोई भी फर्क नहीं पड़ता है कि सामने वाला व्यक्ति क्या बोल रहा है ? आपके मन में सिर्फ और सिर्फ अपनी ही बातें चलती रहती है आप सामने वाले की बातों को बिल्कुल भी नहीं सुनते हैं।
तो यह सुनने का जो तरीका है यह बहुत ही गलत है ऐसे लोग जब नेटवर्क मार्केटिंग के अंदर आते हैं तो उनकी जिंदगी जितनी खराब थी उससे अधिक खराब होने लगती है। और अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग के अंदर हैं और आपको सही से सुनना नहीं आ रहा है तो आप नेटवर्क मार्केटिंग में सफल नहीं हो पाएंगे।
आप सामने वाले व्यक्ति के बातों को सुन नहीं रहे हैं लेकिन आप उनको ऐसा दिखा रहे हैं कि आप उनके बातों को सुन रहे हैं। यानी कि आप सुनने का बहाना कर रहे हैं आप उनके बातों को नहीं सुन रहे हैं यह भी बहुत ही गलत तरीका है।
3 Listen with the intent to reply इसका मतलब यह है कि आप उस सामने वाले व्यक्ति के बातों को सिर्फ इसलिए सुन रहे हैं क्योंकि आपको उसका जवाब देना है।
आप यह चाहते हैं कि इनकी बातों का सही जवाब दे पाएं इसलिए आप सुनते हैं सामने वाले की बातों को। सुनने का सिर्फ एक ही मतलब है कि आपको उनकी बातों का जवाब देना है लेकिन यह भी तरीका गलत है।